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UPI, IMPS, NEFT, और RTGS क्या है? इनमें क्या अंतर है?

UPI, IMPS, NEFT, और RTGS क्या है? इनमें क्या अंतर है?

वर्तमान समय में भारत के लोग ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल बड़ी तेजी से कर रहे हैं। भारत में जिस तरह से ऑनलाइन यूजर्स की संख्या बढ़ रही है। उससे इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि ज्यादा से ज्यादा लोग Digitally Transact करने के लिए Prefer ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तमाल करते हैं। आप चाहे किसी भी सिस्टम का इस्तेमाल करें चाहे वह NEFT, RTGS, UPI, IMPS इनमें से कुछ भी हो यह सारे फंड ट्रांसफर मेथड के हिसाब से काम करते हैं। जो आपको किसी एक पर्सन या बिजनेस को पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहीं भी और किसी भी समय इजाजत देता है। वर्तमान समय में ज्यादातर बैंक से अपने कस्टमर को नेट बैंकिंग फैसिलिटी प्रोवाइड करा रहे हैं। जो कि कंप्यूटर या स्मार्टफोन जिसमें अच्छी इंटरनेट सुविधा हो से इस्तेमाल करके आप ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस का उपयोग कर सकते हैं।

खास तौर पर देखा जाए तो इस समय यूपीआई, एनएफटी आरटीजीएस और आइएमपीएस से सबसे ज्यादा काम में लाया जाने वाला डिजिटल वायलेट है। इसके जरिए आप इंडिविजुअल यहां तक बिजनेस परपस के लिए भी मनी ट्रांसफर कर सकते हैं। इमरजेंसी में अपनी फैमिली को पैसा भेजना हो या किसी दोस्त की मदद करनी हो ऑनलाइन मनी ट्रांसफर काफी मददगार साबित हो रहा है। यह विकल्प सुविधाजनक सुरक्षित और तेज होने की वजह से लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। इसके अलावा आप अपने ऑनलाइन किए गए लेनदेन पर नजर भी रखने के लिए सक्षम होते हैं।

वर्तमान समय में मार्केट में तरह-तरह के विल्कप मौजूद हैं जो ग्राहकों को अलग-अलग सुविधाएं प्रदान करते हैं। आज हम आपको आर्टिकल के जरिए चार मनी ट्रांसफर नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर NEFT, रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट RTGS, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस UPI, इमीडिएट पेमेंट ट्रांसफर सर्विस IMPS ऑप्शन के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका इस्तेमाल आप आसानी से कर सकते हैं साथ में आपको यह भी बताया जाएगा कि इनमें क्या-क्या अंतर है?

नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT)

NEFT एक ऐसी भुगतान प्रणाली है जो लोगों और व्यवसायों को एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में डिजिटल रूप से धन ट्रांसफर करने की अनुमति देता है। भारत में सबसे व्यापक रूप में इस्तेमाल किए जाने वाली भुगतान प्रकिर्या में से एक एनईएफटी है। इसकी लोकप्रियता समय के साथ बढ़ती ही जा रही है। एनएफटी में उच्च स्तर की स्थिति सटीकता और विश्वसनीयता भी है। सिस्टम को यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है कि धन का ट्रांसफर बिना किसी गलती के हो और धन सही खाते पर पहुंचे। आरबीआई के गाइडलाइन सेटलमेंट प्लॉट के अनुसार ही यह सारा कार्य होता है। जानकारी के लिए बता दें कि ट्रांसफर अमाउंट लिमिट अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर यह सेटलमेंट वीकेंड के दौरान किया जाता है शनिवार के दिन यह सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच होता है। एनएफटी एक ऐसी ट्रांसफर सुविधा है जिससे आप बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS)

यह ऐसी ऑनलाइन बैंकिंग सेवा है जिसमें आप तुरंत फंड ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते है। इसमें आप बड़ी से बड़ी रकम का लेनदेन कर सके जैसा कि इस का नाम है “रियल टाइम” इसमें ट्रांजैक्शन भी बिना किसी देरी के तुरंत ही हो जाता है। आरटीजीएस सिस्टम का प्रयोग कर के ट्रांसफर की जाने वाली राशि कम से कम 2 लाख होनी चाहिए और अधिक से अधिक राशि को इस प्रणाली का उपयोग करके ट्रांसफर किया जा सकता है। ऑनलाइन मोड में ग्राहक अपने मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके इस सेवा का उपयोग कर सकते हैं। ऑफलाइन भी आरटीजीएस का फंड ट्रांसफर सेवा का लाभ उठा सकते हैं इसके लिए ग्राहक को RTGS सेवा प्रदान करने वाली बैंक शाखा में जाना होगा और नकद में ट्रांसफर करने के लिए फंड जमा कराना होगा। इसके लिए आपको RTGS अनुरोध फॉर्म भरना होगा। आरटीजीएस का ऑपरेटिंग टाइम सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे दुपहर 4 तक ही होता है। और सप्ताह के आखिर दिन शनिवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 तक होता है। जानकारी के लिए बता दें कि आरटीजीएस सिर्फ तभी किया जा सकता है जब पैसे भेजने वाला और लेने वाला का अकाउंट एक ही क्वालिफाइड ब्रांच में हो।

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI)

यूपीआई UPI मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से काम करता है। यह भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला ऑनलाइन बैंकिंग प्रक्रिया है। इसमें बहुत सी सुविधाएं ग्राहकों को प्राप्त होती हैं। जैसे 24 घंटे में आप किसी भी समय ऑनलाइन मनी ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे आप किसी इंडिविजुअल पर्सन यहां मर्चेंट को भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यूपीआई एप्लीकेशन में आपको बिना किसी आईएफएससी कोड यहां अकाउंट नंबर दर्ज किए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक आसान और तुरंत पैसे ट्रांसफर होने वाली प्रक्रिया है। भारत में हर दूसरे व्यक्ति हर दूसरा व्यक्ति इस सुविधा का उपयोग कर रहा है।

इमीडियेट पेमेंट ट्रांसफर सर्विस (IMPS)

यह बैंकों द्वारा रियल टाइम इंटरबैंक फंड ट्रांसफर सुनिश्चित करने के लिए प्रदान की जाने वाली एक सेवा है। एनईएफटी ‘NEFT’ के विपरीत आइएमपीएस ‘IMPS’ का प्रयोग करके धन आपके खाते में जमा किया जाता है। आइएमपीएस की सेवा को शनिवार या रविवार छुट्टियां हो या सप्ताहांत इसे प्रभावित नहीं करता है। यह एक ऐसी पेमेंट ट्रांसफर सर्विस है जो आपको तुरंत फंड ट्रांसफर करने की अनुमति देता है। इस ट्रांसफर सर्विस के अंर्तगत कम से कम 2 लाख तक मनी ट्रांसफर कर सकते हैं। और आइएमपीएस फंड ट्रांसफर अमाउंट के आधार पर 5 से ₹15 तक का ट्रांसफर चार्ज ग्राहकों से लेता है। वर्तमान समय में आइएमपीएस अब बढ़कर 150 बैंकों में हो चुका है।

UPI और NEFT में अंतर

यूपीआई सेवा से आप पैसे ले और दे दोनों सकते हैं। जबकि एनईएफटी से सिर्फ पेमेंट ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। अगर आपके पास कोई बैंक खाता ना भी हो तब भी आप यूपीआई सर्विस को पेमेंट ट्रांसफर करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। यह काम e-wallet के जरिए हो सकते हो जाता है। जबकि एनईएफटी आपको इस तरह की कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है। इस सेवा का उपयोग करने के लिए आपके पास बैंक खाता होना आवश्यक है। साथ ही में यूपीआई में रियल टाइम में पैसे ट्रांसफर होते हैं। आसान भाषा में बताएं तो आप जिस भी व्यक्ति, परिवार यहां मर्चेंट, बिजनेस में पैसे ट्रांसफर करते हैं तो पैसे ट्रांसफर उसी समय तुरंत हो जाते हैं। इसे रियल टाइम ट्रांसफर कहा जाता है।

RTGS और IMPS में अंतर

आइएमपीएस एक इनोवेटिव Real-Time पेमेंट सर्विसेज जो आपके लिए 24 घंटे कार्य करती है। यह सर्विस नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से पेश की गई है। इस बैंकिंग सुविधा का इस्तेमाल किसी को तुरंत पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। वही RTGS सेवा 24 घंटे पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा नहीं देती।इसके द्वारा फंड ट्रांसफर भेजने वाले के अकाउंट जानकारी आप को होनी चाहिए। RGTS सेवा का उपयोग करने के लिए आपको कम से कम 2 LAKH का ट्रांजैक्शन करना होगा। इससे कम की रकम को यह सेवा अनुमति नहीं देती। जानकारी के लिए बता दें कि आरटीजीएस एक रियल टाइम ट्रांजैक्शन है लेकिन कभी-कभी किसी वजह से 30 मिनट भीतर भी जमा नहीं होता। जिससे कि बैंक को पैसा भेजने वाले खाता धारक के खाते में वापस लौट आना पड़ता है।

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