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What is VR Headset?

VR Headset क्या है? यह कैसे काम करता है?

VR का मतलब वर्चुअल रियलिटी होता है। वर्तमान समय में सोशल मीडिया में VR यानी वर्चुअल रियलिटी के बारे में खूब चर्चा हो रही है। आने वाले समय में लोग इसी का इस्तेमाल करते हुए नजर आने वाले हैं। अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते है तो यह आर्टिकल आप के लिए है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए वीआर सेट से जुड़ी हर एक जानकारी देने जा रहे हैं। आप इसे कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं यह कैसे काम करता है? VR क्या है जैसा कि पहले आपको बताया गया है VR का मतलब “वर्चुअल रियलिटी” होता है।

आभासी वास्तविकता एक पीसी द्वारा सिम्पुलेटेड एक वातावरण है। जहां आप वस्तुओं में हेरफेर कर सकते हैं और बड़ी संख्या में कार्य कर सकते हैं। इस वर्चुअल रियल्टी का अनुभव करने आप के पास VR Headset होना आवश्यक है। पहले भी VR सेट का इस्तेमाल सिर्फ गेमिंग के लिए किया जाता था। लेकिन अब इसका उपयोग मेडिकल, बिल्डिंग, बिजनेस के लिए भी किया जा रहा है। आज नए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का विकास ना केवल गेमिंग के लिए बल्कि कई और जगहों में भी किया जा रहा है।

VR Headset क्या है?

यह एक ऐसा उपकरण होता है। जिसकी मदद से आप 3D दुनिया का मजा ले पाते है। वीआर हेडसेट के लिए बहुत सारे पैरामीटर और बहुत जटिल गन्ना की आवश्यकता होती है। वीआर सेट के जरिए आप अपने घर में ही बैठे हुए बाहरी दुनिया का आनंद ले सकते हैं। अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ टाइम बिता सकते हैं। इतना ही नहीं आप शॉपिंग भी कर सकते हैं और घूम फिर भी सकते हैं। लेकिन यह सब रियालिटी में नहीं बल्कि वर्चुअल रियलिटी में होता है।

आभासी दुनिया मतलब वर्चुअल रियलिटी हेडसेट आपके आंखों में पहनने जाने वाला एक हेडसेट गैजेट है। जो आपको 3D कंप्यूटर जनरेटर इंवॉल्वमेंट देखने में मदद करता है। जिसे देखने के बाद आप इंप्रेसिव फील करेंगे। आपको वह सब अपने आसपास होता हुआ नजर आएगा। वर्चुअल रियलिटी हेडसेट में होलोलेंस Hololens लगे होते हैं। जिसकी वजह से ही 3D पिक्चर्स देख पाना संभव होता है। वीआर सेट में Eye-Tracking सेंसर और कंट्रोलर भी होते हैं। वीआर Head ट्रैकिंग नामक एक तकनीक का उपयोग करते हैं। जो व्यक्ति के सिर के मूवमेंट पर दृष्टि के क्षेत्र को बदल देता है।

आसान भाषा में कहें तो आप अपना सर जिस दिशा में घुमाएंगे आपको उसी दिशा में पिक्चर दिखाई देगी। अगर आप ऊपर देखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि आप उसी पिक्चर के बीचो बीच है। यह तकनीक कभी कभी सही नहीं हो सकती क्योंकि अगर सिर बहुत तेजी से चलता है तो देखने में दिक्कत होती है। वर्तमान समय में नॉर्मल से लेकर हाई क्लास तक के वीआर सेट उपलब्ध है। एडवांस वियर का एक्सपीरियंस करने के लिए आपको एक पावरफुल पीसी की आवश्यकता पड़ेगी।

जिसमें जीपीओ “ग्राफिक कार्ड” सीपीओ और रैम होना चाहिए। वर्चुअल रियलिटी हेडसेट की लोकप्रियता में भारी विधि के साथ बाजार में एक प्रचंड पश्चिम स्थिति आज बन चुकी है। यह आज के जमाने का वास्तविक एहसास देने वाला जबरदस्त उपकरण है। जिसकी डिमांड मार्केट में दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। आने वाले 5, 10 सालों में वर्चुअल रियलिटी का एहसास हर कोई कर पाएगा।

चलिए जानते हैं VR कैसे काम करता है?

वर्चुअल रियलिटी कंप्यूटर तकनीक के इस्तेमाल से बनाया गया एक नकली वातावरण है जो बिल्कुल असली वातावरण जैसा दिखाई देता है। यहां आप नॉर्मल स्क्रीन की जगह पर 3डी दुनिया से जुड़ते हैं। एक बढ़िया वर्चुअल रियलिटी का एक्सपीरियंस करने के लिए आपको वीआर और स्मार्टफोन की जरूरत होगी। आपको यह भी देख लेना होगा कि आपका स्मार्टफोन 360 डिग्री वीडियोस को सपोर्ट करता है। या नहीं यदि नहीं तो आप वर्चुअल रियलिटी का अनुभव नहीं ले पाएंगे।

बता दें कि आप कैसे जान सकते हैं कि आपका फोन 360 डिग्री पिक्चर्स या वीडियो सपोर्ट करता है या नहीं। इसके लिए आपको कोई भी 360 डिग्री वीडियो फोन में चलानी होगी। जिसके बाद आपको यह देखना होगा कि आपके फोन के मूवमेंट के साथ पिक्चर भी मूवमेंट करती है या नहीं। अगर करती है तो आपका फोन वीआर सेट के लिए बेस्ट है। वर्तमान समय में VR के कई नए नए विकल्प मार्केट में आ चुके हैं। जिनके लिए आपको एक पावरफुल पीसी की भी आवश्यकता होगी। साथ ही में VR हेडसेट के साथ आपको हैंडसेट भी दिए जाते हैं।

VR हेडसेट में स्मार्ट फ़ोन की आवश्यकता

इसे आप वीडियो गेम खेलते हुए इस्तेमाल कर सकते हैं। अलग-अलग गेम्स में एक ही तरह से इन कंट्रोलर्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह देखने में एक हेलमेट की तरह होता है। इसे आपको अपने सर पर पहनना होता है और अपने सिर की मूवमेंट के साथ आप वर्चुअल वर्ल्ड में जुड़ जाते हैं। इसमें दो छोटी स्क्रीन्स और स्टीरियो हेडफोंस भी होते हैं। स्मार्टफ़ोन वीआर हेडसेट वर्चुअल रियलिटी अनुभव प्रदान करने के लिए स्मार्टफ़ोन का उपयोग करते हैं। उपयोगकर्ता पहनने योग्य HMD के लिए अपने स्मार्टफ़ोन को हेडसेट में स्लाइड करते हैं।

स्क्रीन लेंस के एक सेट के साथ उपयोगकर्ता की आंखों के ठीक सामने होगी जो गहराई की भावना पैदा करती है। कुछ हेडसेट सिर और आंखों की गतिविधियों को कैप्चर कर सकते हैं और उन्हें गेम में ट्रांसमिट कर सकते हैं। अन्य में गेम की ऑडियो सामग्री को प्रोजेक्ट करने के लिए स्टीरियो साउंड सिस्टम शामिल हैं। कुछ ऐसे चश्मे के रूप में आते हैं जो उपयोगकर्ता को आभासी खेल की दुनिया दिखाते हैं। वीआर प्रौद्योगिकी का एक बहुत ही रोमांचक पहलू है जिसमें भविष्य के लिए काफी संभावनाएं हैं। हालांकि ये हेडसेट अभी तक व्यापक उपयोग के लिए तैयार नहीं हैं, फिर भी वे नजर रखने लायक हैं।

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