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What is the difference between CBSE and ICSE

CBSE और ICSE में क्या अंतर है? आपके बच्चे के लिए क्या ज्यादा बेहतर है?

भारत में स्थापित होने वाला पहला शिक्षा बोर्ड 1921 में उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा था, जो राजपूताना , मध्य भारत और ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र में था। वर्तमान समय में देशभर के स्कूलों में नए शैक्षणिक स्तर के लिए बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। पेरेंट्स के लिए इस समय अच्छे स्कूल के चुनाव के साथ दूसरी सबसे बड़ी समस्या शिक्षा बोर्ड को लेकर सामने आती हैं। अक्सर उनका यह सवाल मन में रहता है कि कौन सा बोर्ड चुनें सीबीएसई (CBSE) बोर्ड चुने या आईसीएससी (ICSE)? आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए सीबीएसई बोर्ड और आईसीएसई बोर्ड के बारे बारे में पूरी विस्तार में जानकारी देने जा रहे हैं। साथ में आपको दोनों बोर्ड में क्या अंतर हैं और आपके बच्चे के लिए कौन सा ज्यादा बेहतर है। यह भी इस आर्टिकल में बताया जाएगा।

CBSE BOARD क्या है?

बीएससी बोर्ड का फुल फॉर्म केंद्रीय माध्यमिक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड होता है। इस बोर्ड को माध्यमिक (सेकेंडरी) वरिष्ठ माध्यमिक (सीनियर सेकेंडरी) की शिक्षा के लिए सबसे पसंदीदा स्कूल बोर्ड में से एक माना जाता है। भारत की स्कूली शिक्षा का एक प्रमुख बोर्ड है। भारत के अन्दर और बाहर के बहुत से निजी विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं। इस बोर्ड के अंतर्गत बहुत से निजी एवं सार्वजनिक स्कूलों को नियंत्रित किया जाता है जोकि NCERT के पाठ्यक्रमों को अनुसरण करता है। यह बोर्ड उन अभिवावकों की पहली पसंद होती है। जिनकी ट्रांसफर अक्सर होती रहती है। क्योंकि इस बोर्ड में एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें पढ़ाई जाती है। जो देश के हर हिस्से में कार्य करती हैं। सीबीएसई बोर्ड में बच्चों की प्रतिभा के अनुसार उन्हें स्कॉलरशिप की सुविधा भी देती हैं।

सीबीएसई बोर्ड की स्थापना 3 नवंबर 1962 ईस्वी में की गई थी। यह देश के प्रमुख शिक्षा बोर्डों में से एक है। जिसका संचालन केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता है। इसके अंतर्गत बहुत से निजी एवं पब्लिक स्कूल संचालित होते हैं। CBSE बोर्ड में शिक्षा के दो प्रकार के माध्यम होते हैं। पहला हिंदी एवं दूसरा अंग्रेजी तथा इनके पाठ्यक्रम NCERT किताब के द्वारा संचालित किए जाते हैं। वर्तमान समय में भारत में लगभग 28000+ स्कूल और विदेशों में लगभग 240+ स्कूल सीबीएसई बोर्ड के माध्यम से ही जुड़े हुए हैं। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी निधि छिब्बर वर्तमान समय में CBSE बोर्ड की अध्यक्ष है। तथा CBSE का केंद्रीय कार्यालय न्यू दिल्ली में स्थित है।

वर्तमान भारतीय शिक्षा प्रणाली के अनुसार, सीबीएसई परीक्षाओं के दो सेट आयोजित करता है:– अखिल भारतीय माध्यमिक विद्यालय परीक्षा, एआईएसएसई (All India Secondary School Examination, AISSE) आमतौर पर जिसे कक्षा 10 वीं की बोर्ड परीक्षा के रूप में जाना जाता है, और अखिल भारतीय वरिष्ठ स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा, एआईएसएससीई (All India Senior School Certificate Examination, AISSCE), जिसे कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षा के रूप में जाना जाता है।

ICSE Board क्या है?

ICSE की फुल फॉर्म ‘इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन'(Indian Certificate of Secondary Education ICSE) होती है। यह एक प्राइवेट शैक्षिक बोर्ड है। इस बोर्ड के अंतर्गत होने वाली 10वीं और 12वीं परीक्षा में सिर्फ एक ही माध्यम पढ़ाया जाता है।इस इस बोर्ड में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम की होता है। आईसीएसई शिक्षा प्रणाली सीबीएसई और दूसरे राज्य बोर्ड से बिल्कुल अलग होती है। इसके साथ ही आईसीएसई बोर्ड मूल भारत का नहीं है। इसलिए यह बाकी सब बोर्ड से अलग है। आईसीएसई बोर्ड में अंग्रेजी माध्यम को बढ़ावा दिया जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारे देश में सीबीएसई बोर्ड के सबसे अधिक स्कूल हैं। उसके बाद आईसीएसई बोर्ड आता है। आईसीएसई बोर्ड की स्थापना 1958 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी द्वारा भारत में एक परीक्षा आयोजित करने और उसका प्रशासन करने के लिए हुई थी। आईसीएसई शिक्षा नीति 1986 की सिफारिशों के अनुसार बनाई गई है। जो विद्यालय से संबंधित होते हैं वह इस बोर्ड के द्वारा बनाए गए पाठ्यक्रम का अनुसरण करते हैं। भारत में इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

यह बोर्ड इस तरह से बच्चों को शिक्षा देता है। जिससे विद्यार्थियों का पूर्ण रूप से विकास हो सके। यहां से शिक्षा ग्रहण कर आने के बाद विद्यार्थी अपने क्षेत्र में अवश्य ही आगे बढ़ता है। जानकारी के लिए बता दें कि आईसीएसई बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड से थोड़ा महंगा होता है। लेकिन इसके फायदे भी सीबीएसई से थोड़े ज्यादा होते हैं। साथ ही में सीबीएसई के साथ तुलना करने पर आईसीएसई के सभी वर्गों के लिए जटिल पाठ्यक्रम माना जाता है। इसीलिए आईसीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा को सभी बोर्ड में से कठिन परीक्षा के रूप में जाना जाता है।

ICSE Board और CBSE Board में अंतर

सीबीएसई में अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम में पढाया जाता है। आईसीएसई बोर्ड में शिक्षा का माध्यम केवल अंग्रेजी है।

दूसरे बोर्ड में गणित और विज्ञान जैसे विषयों पर ज़्यादा ध्यान केन्द्रित करते हैं। जबकि आईसीएसई में भाषाओ, कला और दूसरे विषयों पर भी समान ध्यान दिया जाता हैं।

ICSE की तुलना में CBSE का सिलेबस थोड़ा सरल और सैद्धांतिक है। साथ ही इसे कई इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए मूल पाठ्यक्रम के रूप में मान्यता दी गई है। वही आईसीएसई (ICSE) का पाठ्यक्रम अधिक विस्तृत है और व्यावहारिक ज्ञान और विश्लेषणात्मक कौशल पर ध्यान केंद्रित करता है।

दूसरे बोर्ड में Theory को अधिक महत्व दिया जाता हैं और आईसीएसई में Practical और परियोजना कार्यो पर।

आईसीएसई लैब वर्क पर काफी जोर देता है। यह अंग्रेजी भाषा साहित्य में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए ज्याद उपयुक्त माना जाता है।

सीबीएसई शिक्षा बोर्ड व्यापक रूप से भारत सरकार और भारतीय शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है। आईसीएसई को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली द्वारा एक निजी शिक्षा बोर्ड के रूप में मान्यता प्राप्त है।

यह बोर्ड दूसरे बोर्ड से थोड़ा मुश्किल भी हैं। आईसीएसई बोर्ड की परीक्षा हर साल फरवरी और मार्च महीने के दौरान होती हैं और मई-जून तक उसके परिणाम आते हैं। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएँ आमतौर पर मार्च महीने में आयोजित की जाती हैं।

CBSE बोर्ड में NCERT की किताबें पढ़ाई जाती हैं। जिसका सिलेबस बहुत नपा-तुला है और JEE Mains, NEET, UPSC जैसी तमाम आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लाभकारी साबित होता है। मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भविष्य के करियर की तलाश कर रहे छात्रों के लिए सीबीएसई एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आईसीएसई विषयों के चयन में बहुमुखी प्रतिभा की तलाश करने, समग्र छात्र विकास और विदेश में अध्ययन करने के लिए मजबूत अंग्रेजी दक्षता विकसित करने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

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