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Fixed Deposit vs Mutual Funds

फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूच्यूअल फंड्स में क्या अंतर है इसे कैसे स्टार्ट करें?

फिक्स डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड में काफी अंतर होता है। यह दोनों ही निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय विकल्प हैं। इन्वेस्टमेंट करने से पहले किसी भी व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है। दोनों को कैसे शुरू कर सकते हैं। इन दोनों इन्वेस्टमेंट को लोग अपने सेविंग को तेजी से दुगना करने के लिए करते हैं। यह दोनों जमा राशि पर लाभ अवस्थाओं के अनुसार अलग-अलग ब्याज देते हैं। म्यूच्यूअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट में काफी बड़ा अंतर होता है। जिसे समझ लेना बेहद आवश्यक है।

आज के समय में यह दोनों ही काफी लोकप्रिय हैं फिक्स डिपाजिट म्यूचल फंड आपकी जमा राशि को दोगुना करने का काम करते हैं। जब भी आप अपनी गाढ़ी कमाई को किसी इन्वेस्टमेंट में लगाते हैं। तो उसके पहले उससे जुड़े हुए कुछ खास जानकारियां हासिल कर लेनी चाहिए। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए म्यूचुअल फंड और डिपॉजिट के बीच का अंतर और इसे कैसे स्टार्ट करें इन दोनों के बारे में बताने जा रहे हैं।

इससे पहले कि हम बात करें कि क्या अलग है, आइए देखें कि क्या समान है-

  1. दोनों निवेश योजनाएं हैं।
  2. एफडी और म्यूचुअल फंड आपके द्वारा निवेश किए गए मूलधन पर वापसी की पेशकश करते हैं।
  3. दोनों इन्वेस्टमेंट को चुनने के लिए विभिन्न कार्यकाल प्रदान करते हैं।
  4. भले ही वे दोनों आपकी बचत पर पैसा कमाने में आपकी मदद करते हैं, दोनों बहुत अलग हैं। यहां तक कि इनमें से किसी में भी निवेश करने से पहले आपको जो सलाह चाहिए, वह बहुत भिन्न होगी।
  5. दोनों के बीच सबसे खास अंतर यह है कि जहां साविधि जमा बहुत सुरक्षित हैं, वहीं म्युचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं।

फिक्स डिपॉजिट (Fixed Deposit)

फिक्स डिपाजिट को हिंदी में सावधि जमा खाता कहा जाता है। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। जिसके जरिए ग्राहक को नियमित बचत खाते के मुकाबले ज्यादा ब्याज हासिल होता है। इसके जरिए आप अपनी इच्छा अनुसार कोई भी राशि जमा करवा सकते हैं जो निश्चित समय पर तय किए गए ब्याज के साथ मिल जाती है। इसके लिए अलग-अलग जैसे कि सरकारी, गैर सरकारी बैंक, पोस्ट ऑफिस में ब्याज दर अलग-अलग हो। फिक्स डिपॉजिट के तहत इसमें निवेश किए जाने की अवधि 10 साल होती है। आप किसी भी बैंक में या ऑनलाइन भी आसानी से एफडी खोल सकते हैं। एफडी एक बार का निवेश है। इसलिए, आप जमा कर सकते हैं और इसके बारे में भूल सकते हैं। जमा की निगरानी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

इस से जुड़ा हुआ एक और फायदा है कि आप कभी भी निवेश को अपनी धनराशि किसी भी वजह से निवेश में अपनी धनराशि निकालना चाहते हैं। तो बैंक को सूचित करना होगा जिसके बाद बैंक कुछ जुर्माना काट कर आप की धनराशि वापस कर देगी। फिक्स डिपॉजिट में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को यानी वरिष्ठ नागरिकों को फिक्स डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज दर की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। सामान्य लोगों के मुकाबले वरिष्ठ लोगों को ज्यादा ब्याज दरें दी जाती हैं। बता दें कि इसमें अब दे अपनी इच्छा अनुसार आप तय कर सकते हैं। अगर आप किसी भी तरह का जोखिम उठाना पसंद नहीं करते हैं, तो एफडी आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। ब्याज निश्चित है और आपको परिपक्वता पर निर्धारित राशि प्राप्त करने की गारंटी है।

कुछ प्राइवेट संस्था भी एफडी जमा करवाने की पेशकश करती है। जहां पर आप को सरकारी बैंकों और पोस्ट ऑफिस से ज्यादा ब्याज दर मिलती है। लेकिन इस तरह के कॉर्पोरेट एफडी में जोखिम ज्यादा होता है। अगर किसी वजह से यह कंपनियों दिवालिया हो जाती हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि आपको आपकी जमा की गई धनराशि वापस मिलेगी। एफबी का सबसे खास फायदा यह है कि इसमें ब्याज सहित पूरी राशि टैक्स फ्री मिलती है। दोनों विकल्पों में से सबसे सुरक्षित विकल्प फिक्स डिपाजिट है। फिक्स डिपाजिट के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। इन्हीं के आधार पर आपका बैंक और पोस्टऑफिस में फिक्स डिपॉजिट ओपन हो सकेगा यह रहे वह जरूरी दस्तावेज-

  1. आधार कार्ड
  2. पासपोर्ट
  3. पैन कार्ड
  4. वोटर आईडी कार्ड
  5. ड्राइविंग लाइसेंस
  6. पासपोर्ट
  7. टेलीफोन का बिल
  8. बिजली का बिल
  9. चेक के साथ बैंक स्टेटमेंट
  10. पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी सर्टिफिकेट/आईडी कार्ड

इन सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ नहीं जिस बैंक में संपर्क कर आप अपना फिक्स डिपाजिट ब्याज दर की जानकारी के साथ ओपन करवा सकते हैं। अगर आपको फिक्स डिपॉजिट ऑनलाइन ओपन कराना है। तो आप घर बैठे इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट में जमा धनराशि को फिक्स डिपॉजिट अकाउंट में जमा कर सकते हैं।

म्यूच्यूअल फंड (Mutual Funds)

आप सभी ने कभी ना कभी म्यूच्यूअल फंड के बारे में सुना होगा और उसमें निवेश भी करना चाहते होंगे। लेकिन कहीं पैसा डूब ना जाए इस वजह से रुक जाते है। ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि ज्यादातर लोगो को म्यूच्यूअल फंड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। आज आप को म्यूच्यूअल फंड से जुडी सारी जानकारी देने जा रहे है।

म्यूच्यूअल फंड का हिंदी मतलब “पारस्परिक निधि” होता है। आसान भाषा में कहा जाए तो कई लोगों की साझा रकम को म्युचुअल फंड कह सकते हैं। दरअसल म्यूच्यूअल फंड में कई लोगों का पैसा एक साथ मिलाकर शेयर बाजार या निवेश योजनाओं में लगाया जाता है। इस तरह से म्यूचल फंड में आपके सारे पैसे एक सामूहिक निवेश किया जाता है। जैसे कि अगर कोई व्यक्ति शेयर बाजार में पहली बार निवेश कर रहा है। तो फाइनेंशली एक्सपर्ट उसे म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह देते हैं।

इस विकल्प में विशेषज्ञ लोगों की एक टीम निवेश करने वाले लोगों के पैसे को कहां-कहां और कैसे निवेश करना है। इन सभी पर खास ध्यान रखती है। यह टीम एक फंड मैनेजर के अधीन काम करती है। टीम में मार्केट और शेयर बाजार को समझने वाले प्रोफेशनल रखे जाते हैं। म्यूच्यूअल फंड से आप शेयर बाजार बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं। फिक्स डिपॉजिट के मुकाबले म्यूच्यूअल फंड में आपको तेजी से अपने जमा किए गए धनराशि पर ब्याज मिलता है। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि आपका पैसा सुरक्षित है या डूबेगा नहीं।

अगर मार्केट में तेजी आएगी तो आपके जमा किए गए धनराशि भी बढ़ेगी। अगर उसमें गिरावट आई तो आपकी राशि भी गिरेगी। साथ ही में आपको बता दें कि अगर किसी वजह से कंपनी दिवालिया हो जाती है। तो आपको पैसे वापस मिलने की कोई गारंटी नहीं होती।

म्यूचुअल फंड में आपका 500-1000 रुपए से SIP की शुरुआत कर सकते हैं। आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे। यह सप्ताहिक, मासिक, तिहाई यहां सालाना आधार पर हो सकते हैं। इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं।

म्यूच्यूअल फंड के कई विकल्प-

  1. यह एक पेशेवर रूप से प्रबंधित निवेश योजना है।
  2. यह कई निवेशकों से धन एकत्र करता है और बॉन्ड, इक्विटी शेयर और अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट खरीदता है।
  3. जब आप म्यूचुअल फंड खरीदते हैं तो आप यूनिटहोल्डर बन जाते हैं।
  4. यूनिटधारक लाभ, हानि और व्यय साझा करते हैं।
  5. आपके पास चुनने के लिए कई तरह के फंड हैं।
  6. यह लंबी अवधि के निवेश के लिए सबसे उपयुक्त है।
  7. आप एकमुश्त निवेश कर सकते हैं या किश्तों (एसआईपी) में निवेश करना चुन सकते हैं।
  8. लंबे समय में निवेश पर प्रतिफल बहुत अधिक होता है, लेकिन इसमें कुछ मात्रा में जोखिम भी होता है।

सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव व्यक्तिगत है। अगर आपको खुद अपने निवेश का प्रबंधन करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार, बैंक आदि।

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