फलों के पेड़ लगाना अब हर किसी के लिए आसान हुआ। आप भी अपने घर की छतों पर गमलों में फलदार पेड़ लगा फल प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप से कोई कहे कि छत पर केला, बेर, पपीता और सेब जैसे फलदार पेड़ों के बागबानी की जा सकती है। तो यह सुनने में तो बहुत अटपटा लगेगा लेकिन यह सत्य है। बहुत से परिवार वर्तमान समय में अपने घर की छतों पर ही गमलों में फलदार पेड़ लगाकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। घर पर ही खुद से फल के पौधे लगा।
आप बिना किसी केमिकल या इंजेक्शन रहित फल खा सकते हैं। जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। लेकिन घर में फल के पौधे लगाने के बाद कुछ तरह की सावधानियां होती है। जिन्हें अपनाने से आप अपने घर में ही शानदार फल ऊगा सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए 10 ऐसे फलदार पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें आप अपने घरों की छतों पर गमलों में ही लगा सकते हैं। लेकिन कुछ सावधानियां जरूर बरतनी होगी जानिए इन 10 फलदार पौधों के बारे में पूरा विवरण:-
1. सेब (Apple)
इस पेड़ को अत्याधिक गर्म या अत्याधिक ठंडे स्थान को छोड़कर कहीं भी लगाया जा सकता है। इस पौधे को उचित प्रकार की दोमट मिट्टी में लगाएं। इसके पौधे को अच्छी तरह से सूखी मिट्टी की जरूरत होती है। लेकिन मिट्टी में जरूरत के अनुसार नमी भी होनी आवश्यक है। समय-समय पर सेब के पौधे को पानी देना चाहिए। साथ ही में सूर्य की रोशनी भी सेब के पौधे के लिए अति आवश्यक होती है। इसे ऐसे स्थान पर लगाए जा से पर्याप्त मात्रा में धूप पौधे को मिल सके। अपने अपने सेब के पौधे को कीट मकोड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर नीम के तेल का छिड़काव करते रहना चाहिए। आप पौधे को अच्छे वायु संचरण वाले स्थान पर लगाएं, ताकि बारिश या सिंचाई के बाद पत्ते जल्दी से सूख जाएं, क्योंकि पत्तों पर पानी ज्यादा देर तक रहने से, पौधे में फफूंदी लगने की बीमारी हो सकती है।
2. चेरी (Cherry)
इस फलदार बीजों को गमलों में लगभग 0 पॉइंट 5 या 1 इंच लगाना चाहिए। इसके अलावा आप इसे पौधे को ऑफिस के पौधे को कटिंग के साथ भी उगा सकते हैं। चेरी के पौधे में एक खास बात ध्यान रखनी पड़ती है कि इसके पौधे की गमले की मिट्टी में पानी भरा ना रहे क्योंकि पानी भरा रहने से पौधे की जड़ सर सकती है। जिससे पौधा खराब हो जाएगा। सूर्य की रोशनी में यह पौधे अच्छी तरह से ग्रो करते हैं। चेरी के पौधे के पक्षी काफी ज्यादा खिंचाव रखते हैं। जिसके चलते आप अपने पौधे को बचाने के लिए मंकी नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. अंजीर (Fig)
अंजीर का पौधा भी आप अपने घरों की छतों पर गमलों में लगा सकते हैं। इसके लिए रेतीली मिट्टी की आवश्यकता होती है। अंजीर के पौधे को रोपित करने के लिए नियमित रूप से पानी देना अति आवश्यक है। यदि आप समय-समय पर पानी नहीं देंगे तो उसके पत्ते गिरने शुरू हो जाएंगे। जिससे फल की कमी हो सकती है। इस पौधे के लिए धूप अति आवश्यक होती है। तेज गर्मी और सूर्य के प्रकाश में अंजीर का पौधा काफी तेजी से विकसित होता है। इस पौधे के लिए ठंडक को सहन कर पाना बहुत मुश्किल होता है। जिसके चलते यह कई बार ज्यादा ठंड होने की वजह से खराब भी हो जाता है। इस पौधे को विकसित करने के लिए आप गोबर की खाद, जैविक खाद का प्रयोग कर सकते हैं।
4. अनार (Pomegranate)
अनार के पौधे को गमले में उगाया जा सकता है। इस पौधे की मिट्टी के लिए आपको खास ध्यान रखना पड़ता है। जिस मिट्टी में जैविक सामग्री भरपूर हो उसी को मिट्टी में यह पौधा अच्छे से ग्रो करता है।अनार एक ऐसा पौधा है। जिसे मौसम के अनुसार पानी देना चाहिए जैसे कि गर्मी के समय से अधिक पानी की आवश्यकता होती है, तो वहीं सर्दियों में से कम पानी देना चाहिए। यदि आप पानी देने में किसी भी तरह की लापरवाही दिखाते हैं। तो आप अनार के फल से वंचित रह जाएंगे। अनार के पौधों को फलने फूलने के लिए भरपूर मात्रा में 6 से 8 घंटे तक की धूप होनी चाहिए। अनार के पौधे से फल को तभी तोड़ना चाहिए जब फल पूरे गहरे लाल रंग का हो जाए। इससे पहले तोड़ने की गलती ना करें।
5. आम (Mango)
जी हां अब आप आम भी अपने गमलों में ही उगा सकते हैं। क्योंकि आम के पौधों को लेकर कई तरह के विराइटी मार्केट में आ चुकी हैं।आप इसके छोटे से पौधे को लगा अब आम के फल को पाया जा सकता हैं। जिसकी वजह से आप इन्हें कम जगह पर भी लगा सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि पौधा लगाने के लिए गमले की मिट्टी में नमी बनाए रखें और अब पौधे को उचित मात्रा में पानी देते रहे। साथ ही में पौधे को सूर्य की रोशनी में अच्छे से रखना चाहिए। क्योंकि यह पौधा सूर्य की प्रकाश में अच्छे से ग्रो करता है। समय-समय पर आम के पौधे को दैनिक खाद और गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए। इस पौधे को कीट और रोगों से बचाने के लिए नीम के तेल का स्प्रे करें और नेट का इस्तेमाल करना चाहिए।
6. नींबू (Lemon)
पौधा लगाने के लिए सबसे पहले आपको गमला खरीदना होगा। फिर इसमें आपको मिट्टी डालनी होगी, जिसमें आप 50% कोको-पीट और 50% वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद या गोबर) मिला सकती हैं। अब इसमें आप पौधे को कटिंग, बीज या फिर छिलका लगा दें। कटिंग या बीज को लगाने के बाद आप पौधे में पानी डाल दें। इस पौधे को उगाने के लिए आपको बहुत सारे कार्बनिक पदार्थों और पुरानी खाद की आवश्यकता होगी। नींबू के पौधे को लगातार पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए उचित मात्रा में पौधे को पानी देते रहना चाहिए। जिससे पौधे की मिट्टी में नमी बनी रहे इस पौधे को भी आप सूर्य के प्रकाश में रख सकते हैं। इसे सूर्य की रोशनी में ग्रो करने में सहायता मिलती है।
7. अमरूद (Guava)
बिजाई का समय फरवरी-मार्च या अगस्त-सितंबर का महीना अमरूद के पौधे लगाने के लिए सही माना जाता है। गमले में मिट्टी डालने के बाद बीज को लगभग 2-3 इंच मिट्टी के अंदर डालकर ऊपर से थोड़ी मिट्टी रख दें। आप चाहें तो अमरुद को दो से तीन भाग में काटकर बीज के रूप में भी इस्तेमाल कर सकती हैं। खैर, ऊपर में मिट्टी डालने के बाद थोड़ी बहुत खाद भी डालना न भूलें। खाद डालने के बाद एक से दो माप पानी भी ज़रूर डालें। अगर आपने अमरूद का पेड़ गमले में लगाया है तो उसे रोजाना कम से कम 6 से 7 घंटे धूप जरूर दिखाएं। वहीं गार्डन एरिया में अमरूद का पेड़ सही जगह पर लगाएं, ताकि धूप आसानी से पेड़ तक पहुंच पाए। अमरूद के पेड़ को छाव में लगाने की गलती ना करें, क्योंकि इससे पेड़ की ग्रोथ धीमी हो जाती है।
8. चीकू (Chikoo)
इसे मिट्टी की कई किस्मों में उगाया जा सकता है लेकिन अच्छे निकास वाली गहरी जलोढ़, रेतली दोमट और काली मिट्टी चीकू की खेती के लिए उत्तम रहती है। चीकू की खेती के लिए मिट्टी की पी एच 6.0-8.0 उपयुक्त होती है। चिकनी मिट्टी और कैल्शियम की उच्च मात्रा युक्त मिट्टी में इसकी खेती ना करें। वृक्ष रोपण के तीसरे वर्ष से फल देने लगता है, लेकिन व्यावसायिक उपज 7वें वर्ष के बाद ही प्राप्त होती है। चीकू के पेड़ को फूल आने की अवस्था से फल पकने की अवस्था तक पहुँचने में लगभग 4-6 महीने का समय लगता है।
9. संतरा (Orange)
मिट्टी के मिश्रण में रेत और मिट्टी का मिश्रण होता है। हम पौधों को मिट्टी के मिश्रण में हल्के हाथ से दबाते हैं और 0,7-1 इंच (1.8-2,5 सेमी) की गहराई में नदी की साफ रेत की परत से ढंकते हैं। बीजों को पानी में डालें और फिर उन्हें 24 घंटे के लिए सोखने दें। काफी सारे बीजों को अगर पहले ही कुछ घंटे के लिए सोखने के लिए रख दिया जाए, तो उनमें स्प्राउट आने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सोखने से बीज नरम हो जाते हैं और ये अंकुर निकलने के लिए एक अच्छी शुरुआत होता है। फलों को परिपक्व होने में लगभग 270 दिनों एवं मृग बहार के फलों को पकने में लगभग 240 दिनों का समय लगता है। संतरे के पेड़ गर्म तापमान और मध्यम आर्द्रता के स्तर वाले उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पनपते हैं।
10. बेर (Ber)
बेर के पौधे जनवरी-फरवरी में भी लगाये जा सकते हैं। इस समय रोपाई के लिए पौधों के साथ मिट्टी की पिंडी के साथ पौध निकालने की आवश्यकता नहीं होती। इस तरीके से लगाने में स्थानांतरण सफलता भी अच्छी है। तथा पौधे दूर स्थान भेजने में खर्च भी बहुत कम हो जाता है। यह पौधा साल में दो बार फल देता है। लेकिन इसके लिए इसकी खास देखभाल करनी पड़ती है। जैसे कि पहली बार फल देने के बाद इसके टहनियों को काट देना चाहिए। एक बार जिसके एनी में फल आ जाता है दूसरी बार उसके आने में फल नहीं लगता। जिसकी वजह से से काटना आवश्यक होता है साथ ही में बेर के पौधे के मिट्टी को लेकर भी कुछ खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसी मिट्टी का उपयोग करना चाहिए जिसमें नमी हमेशा बनी रहे।
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