एनएसई (National Stock Exchange) और बीएसई (Bombay Stock Exchange) भारत के स्टॉक एक्सचेंज हैं। भारत में सभी सूचीबद्ध कंपनियां उन पर मौजूद हैं। स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई/बीएसई) एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म है। जहां स्टॉक, डेरिवेटिव, बॉन्ड, ईटीएफ आदि जैसे विभिन्न वित्तीय साधन सूचीबद्ध हैं। स्टॉक एक्सचेंज एक संगठित मंच या बाजार है, जहां खरीदार विक्रेताओं से जुड़ते हैं और स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों का व्यापार होता है। यह एक आम जगह है, जहां कंपनियां अपने स्टॉक बेचने के लिए उपलब्ध कराती हैं, और निवेशक इन शेयरों को आपस में खरीद और व्यापार कर सकते हैं। स्टॉक एक्सचेंजों का उपयोग करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एक्सचेंजों और कंपनियों के बीच संबंधों को समझना है। एक्सचेंज शेयरों में ट्रेडिंग के लिए एक पारदर्शी स्थान प्रदान करते हैं और दुनिया भर में ऐसे कई स्थान हैं। भारत में, दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE हैं।
बीएसई (Bombay Stock Exchange) क्या है?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का पुराना समकक्ष है। बीएसई ने वर्ष 1875 में “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के नाम से अपना परिचालन शुरू किया। यह बीएसई को पूरे एशिया में सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बनाता है। मैनेजिंग डायरेक्टर के नेतृत्व में डायरेक्टर्स बोर्ड द्वारा किस रेंज का संचालन होता है इस बोर्ड में प्रतिष्ठित प्रतिष्ठित प्रोफेशनल ब्रैडिंग सदस्यों के प्रतिनिधियों और सार्वजनिक प्रतिनिधियों का समावेश होता है। बता दें कि यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है और आज यह लगभग 6000 कंपनियों को सूचीबद्ध करता है।
इतना ही नहीं 6 माइक्रोसेकंड के व्यापार गति के साथ इसे दुनिया का सबसे तेज एक्सचेंज के रूप में श्री भी दिया गया है इस एक्सचेंज की पहाड़ 417 सालों तक है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज भारतीय शेयर बाजार के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज में से एक है दूसरा एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है भारत को अंतरराष्ट्रीय वित्त बाजार में अपना श्रेष्ठ श्रेष्ठ स्थान दिलाने में बीएफ पीएम भूमिका रही है यह “$1 ट्रिलियन” क्लब का एक अभिन्न अंग है, जिसका 11वां सबसे बड़ा बाजार पूंजीकरण मूल्य $2.2 ट्रिलियन है। बीएसई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में प्रेमचंद रॉयचंद द्वारा की गई थी और वर्तमान में सेथुरत्नम रवि द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
NSE (National Stock Exchange) क्या है ?
NSE का का फुल फॉर्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है, यह एक बाज़ार के रूप में कार्य करता है जहाँ लोग अपने स्टॉक को खरीद और बेच सकते हैं। NSE भारत का सबसे बड़ा शेयर बजार है। इसकी स्थापना 1992 में की गई थी। भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता के उदेश्य से इसकी स्थापना की गई थी। जानकारी के लिए बता दें कि एनएसई के आने के बाद शेयर की लेनदेन कंप्यूटराइज तरीके से की जाने लगी है और सारा पेपर वर्क खत्म कर दिया गया है। कंप्यूटराइज होने की वजह से निवेशकों के हितों की रक्षा हो पाती है। और शेयर बाजार में होने वाले स्कैम पर रोक लगती हैं। एक निवेशक को शेयर के लेनदेन के जितनी यह जानकारी एनएसई के बारे में भी होनी चाहिए।
शेयर मार्केट में NSE महत्वपूर्ण रोल रखता है। बीएसई की तरह एनएसई भी मुंबई में स्थित है। इसमें 1600 से अधिक कंपनियां लिस्टेड है। वही बात करे इसके ग्लोबल रैंक की तो 11 नंबर पर NSE का नाम दर्ज है। भारत की आर्थिक पूंजी में एनएसई का बड़ा योगदान है। बात करें एनएसई के इतिहास की तो इससे पहले सरकार ने निवेशकों के हितों के लिए SEBI (Security Exchange Board Of India) का गठन किया था। इस गठन को 1992 में हुए हर्षद मेहता के स्कैम के बाद किया गया था। लेकिन निवेशकों को बीएससी के निवेशकों को यह गठन कुछ खास रास नहीं आया। जिसके बाद 1992 में ही “नेशनल स्टॉक एक्सचेंज” यानी NSE की स्थापना की गई।
NSE के भारत में शुरू होने के बाद पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुआत हुई और कागजी कार्रवाई बंद हो गई। बता दें कि इस तरह से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग होने के कारण शेयर मार्केट में अधिक पारदर्शिता बनी। एनएसई ने भारतीय शेयर बाजार को आधुनिक बनाने के लिए बनाया गया। जिससे शेयर बाजार में होने वाले धोखा-धड़ी पर अंकुश लग सके। साथ ही में स्टॉक मार्केट में पारदर्शिता लाई जा सके। यह सब सरकार ने निवेशकों के हित की रक्षा करने के लिए किया। एनएसई ने निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करवाई। जो अब काफी ज्यादा सुरक्षित और प्रचलित है।एनएसई का इंडेक्स निफ्टी है। जिसमें शेष 50 कंपनियों को लिस्ट किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि अगर निफ्टी में गिरावट आती है तो एनएसई में रजिस्टर्ड कंपनियों के शेयर के दाम स्वता ही घट जाते हैं।
जाने कैसे काम करता है NSE और BSE
NSE व्यापार बाजार के आदेशों से संचालित होता है, और खरीदार और विक्रेता गुमनाम रहते हैं। एनएसई ऋण, इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव, म्यूचुअल फंड, आईपीओ, मुद्राओं और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में व्यापार और निवेश की पेशकश करता है। जब कोई निवेशक एनएसई में निवेश करता है। तो उसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से मार्केट ऑर्डर के द्वारा ऑर्डर देना होता है। यह सभी प्रक्रिया कंप्यूटर ट्रेडिंग के जरिए होती है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है। तो उसे एक नंबर दिया जाता है। जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है। एनएसई द्वारा घोषित छुट्टियों को छोड़कर, एक्सचेंज मार्केट सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहता है।
BSC निवेशकों को इक्विटी, मुद्राओं, ऋण उपकरणों, डेरिवेटिव और म्यूचुअल फंड में व्यापार करने में सक्षम बनाता है। बीएसई अन्य महत्वपूर्ण पूंजी बाजार व्यापार सेवाएं भी प्रदान करता है जैसे कि जोखिम प्रबंधन, समाशोधन, निपटान और निवेशक शिक्षा। BSE प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए एक केंद्रीकृत बाजार के रूप में कार्य करता है, निवेशकों को विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्प प्रदान करता है,व्यवसायों के लिए पूंजी जुटाने को आसान बनाता है, और भारतीय शेयर बाजार के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करता है।
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